Here is my attempt to add some verses to the maestro - Jagjit Singh's magical work, प्यार का पहला ख़त
हमने खयालो में रहने की, मोहलत मांगी है,
इश्क के ख्वाबों को बुनने में, वक़्त तो लगता है...
आँखों के रस्ते से उनके, दिल को पढना था,
बंद किताबों को खुलने में, वक़्त तो लगता है...
छोटा सा कोई किस्सा नहीं यह, दास्तान अपनी है,
लम्बी कहानी के बनने में, वक़्त तो लगता है...
मीलों का रस्ता तो कट गया, तुमसे मिलने को,
आखरी चार कदम चलने में, वक़्त तो लगता है...
नये परिंदों को उड़ने में, वक़्त तो लगता है...
हमने खयालो में रहने की, मोहलत मांगी है,
इश्क के ख्वाबों को बुनने में, वक़्त तो लगता है...
आँखों के रस्ते से उनके, दिल को पढना था,
बंद किताबों को खुलने में, वक़्त तो लगता है...
छोटा सा कोई किस्सा नहीं यह, दास्तान अपनी है,
लम्बी कहानी के बनने में, वक़्त तो लगता है...
मीलों का रस्ता तो कट गया, तुमसे मिलने को,
आखरी चार कदम चलने में, वक़्त तो लगता है...
नये परिंदों को उड़ने में, वक़्त तो लगता है...
Awesome
ReplyDeleteThanks PJ
DeleteThat's deep and lovely !
ReplyDeleteHappy Diwali!! :)
Thank you...
ReplyDeleteWish you the same!!